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चाय या कॉफी


चाय या कॉफी भाग--32

 विशाला आरती का फोन देखकर बहुत ही ज्यादा खुश हुई ।

उसने कहा 
"मैडम आप ने पहली बार मुझसे बिजनेस के अगेंस्ट कोई बात किया है।मुझे बहुत ही अच्छा लगा आपसे बात करके ।

मैं तो आपसे बस इतना ही बात करती थी जितना गारमेंट से रिलेटेड होता था ।"

आरती ने कहा
" हां, मुझे भी तुमसे बात कर बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने तुम्हें जॉब में अपॉइंट किया था, तुम्हारी कुछ खासियत को देखकर।

 तुम वाकई बहुत ही ज्यादा डिजर्व करती हो। तुमसे बहुत अच्छा लगता है बातें करके।"

"शुक्रिया मैम!"विशाला मुस्कुराने लगी।

" और बताओ तुम्हारे फैमिली में सब लोग ठीक हैं!"

" हां मैडम सब लोग ठीक हैं।

 बेटी की 12वीं के एग्जाम हो गए हैं ।रिजल्ट के इंतजार में है वह करती है डॉक्टर बनूंगी।
नीट अगर निकाल लेगी तो फिर मेडिकल के लिए फॉर्म भरना पड़ेगा ।

यदि एम्स या सरकारी मे हो गया तब तो ठीक है नहीं तो... फिर मैं बहुत ज्यादा ही चिंता हो जाती है!" उसने लंबी सांस लेकर कहा।

 एक हां मिडिल क्लास फैमिली में दो दो तीन तीन बच्चों को पढ़ाना और फिर उनकी शादी ब्याह करना एक बहुत ही कठिन काम है ।"

हां आरती जैसे उसकी तकलीफ को समझ रही थी ।

उसने कहा
" यू आर राइट विशाला ,टेंशन मत लो! तुम्हारी बेटी 12वीं में भी अच्छे नंबर लाएगी और नीट भी निकाल लेगी  और किसी अच्छे इंस्टिट्यूशन में भी उसका चयन हो जाएगा।
 तुम देखना टेंशन मत लो!"

" सच्ची में!, विशाला मुस्कुराइ। उसने कहा 

मैम, आपकी बातें सच्ची हो जाए एक मां की दुआ लग जाएगी। अपनी बिटिया को देखती हूं तो मैं उसे  दुखी नहीं करना चाहती कि तुम मेडिकल या किसी ऐसी जगह पर नहीं पढ़ो ।
यह अधिकार सिर्फ तुम्हारे भाई का है। हम दोनों को एक साथ में इतनी महंगी पढ़ाई पढ़ा सकते!"


आरती--" रेस्ट एश्योर्ड!, सब कुछ ठीक होगा। अब मैं काम पर वापस आ गई हूं तो फिर कल से हम लोग पॉजिटिवली काम पर फोकस करेंगे ।

तब तक तुम अपना ख्याल रखो।"

"ठीक है मैम!गुड नाइट।" विशाला ने कहा  और फोन काट दिया ।

उसके चेहरे पर एक राहत भरी मुस्कुरा आगे थी ना जाने क्यों आरती में उसे एक सुकून नजर आता था।

 उसे यकीन था कि वह उसकी बिटिया को निराश नहीं करेगी।

**
 विशाला से बातें करके आरती को भी बहुत ही अच्छा लगता था ।

उसकी लाइफ से उसने ऐसी औरत कभी नहीं देखी थी जो अपने परिवार अपने बच्चों के लिए इतनी ज्यादा समर्पित हो।

 उसने विशाला को पॉजिटिव सपोर्ट दिया तो उसके अपने अंदर बहुत ही अच्छे फीलिंग आ रहे थे ।

अब बारी थी अपने दोनों दोस्तों को फोन करने का।

 आरती ने गिरजा को फोन किया यह जानने के लिए कि वह कैसी है?

गिरजा ने पहले ही कहा

" आरती तुम्हारी खबर तो मुझे थी। मैंने अनु को फोन किया था तो उसने बताया कि तुम्हारी तबीयत खराब हो गई है। चलो अच्छा है कि तुम अनु के पास थी।


 अब कैसी है तुम्हारी तबीयत?"

" बिल्कुल ठीक है! थोड़ी वीकनेस है पर अब ठीक है। और बता तेरा ब्यूटी पार्लर कैसा चल रहा है?"

" बहुत अच्छा चल रहा है ।अब इसे जॉब ओरिएंटेड कोर्स कर दिया है ना तो थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है ।

मैंने लिया को भी कहा कि तू इस इनको ज्वाइन कर ले फिर लॉन्ग टर्म में तुझे एक अच्छा अपॉर्चुनिटी मिल जाएगा ।

अगर तुम्हें कभी होटल में काम करने का मन ना करें तो तुम ब्यूटी पार्लर खोल लेना या तो फिर यहां टीचिंग का काम करने लगना।"

 "आरती, उसने कहा, अब तुम लिया कि चिंता बिल्कुल मत करना। वह लाइन पर आ गई है।"

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क्रमशः

सीमा..✍️☕
©®

 

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5 Comments

अदिति झा

10-Mar-2023 08:16 PM

Nice 👍🏼

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Ajay Tiwari

10-Mar-2023 09:30 AM

Very nice

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